Saturday, February 19, 2011

कुछ मेरी वफ़ादारी का इनआम दिया जाए

कुछ मेरी वफ़ादारी का इनआम दिया जाये
इल्ज़ाम ही देना है तो इल्ज़ाम दिया जाये

ये आपकी महफ़िल है तो फिर कुफ़्र है इनकार
ये आपकी ख़्वाहिश है तो फिर जाम दिया जाये

तिरशूल कि तक्सीम अगर जुर्म नहीं है
तिरशूल बनाने का हमें काम दिया जाये

कुछ फ़िरक़ापरस्तों के गले बैठ रहे हैं
सरकार ! इन्हें रोग़ने- बादाम दिया जाये.
/ मुनव्वर राना

Hi

Presently busy in Surat for a job work.Would soon come in full fledged arena.
President
Dilip Kumar Jha
Dastak Foundation