दुल्हा दुलिहन के सजल धजल चेहरा ... आउर मॉ बाप के चेहरा पर परेशानी के सबब ... त ओतेय पंजीकार के ओतह लोग लोग सभ के भीड़ ... कियो अपन बहिन लेल त कियो अबन भाई लेल , ककरों बेटी के ब्याह करबऽ के छय त ककरों अपन दुलरा बेटा के लेल बहू लाबऽ के छय ... ककरों अप्पन घरक लेल घरेलू बहू चाही त ककरों अपना घर लेल मार्डन बहू चाही ... ककरों पाइ बेशी चाही त ककरों पाइ नय लड़की नीक चाही ... ई नजारा छय सभा गाछी यानी सौराठ सभा के ... हर साल मिथिला के पावना धरती पर लागऽ वला ई सौराठ मेला ई हो बेर २६ जून सऽ लागऽ वला छय ... जे १ जुलाई त चलतय ...
बिहार के मुख्यालय पटना सऽ दू सौ किलोमीटर दूर पर स्थित मधुबनी जिला के सौराठ गांव में हर साल सभा लागैत अछि ... एकर इतिहास बहुत पुरान छय ... लगभग १२ वीं शताब्दी में ई सभा के शुरूआत तत्कालीन मिथिला के राजा हरिसिंह देव द्वारा भेल रहय ... ई सभा के मुख्य काज वर पक्ष आउर वधू पक्ष के एगो मंचा प्रदान केनाय रहेय ... जेमें दूनों तरफ के लोग सब आबि सकेय आउर अप्पन अप्पन जरूरत के हिसाब सऽ जोड़ी के चयन कऽ सकय...मिथिला के पावन धरती पर लागऽ वाला ई मेला भले आजि आपन पहचान खो रहल छय ... मुदा पहिले ई बहुत प्रचलित रहेय ...
नीक काज खातिर शुरू भेल ई महापर्व आईं अपन पहचान लेल भटक रहल छय ... मुदा जतेक संगठन छय एकरा बढ़ाव में मदद करे के नाम पर अपन राजनैतिक सुहाली सेंक रहल छय ... ओतेय एकर प्रतिषठा में दाग लगावऽ में मीडिया के से हो कम योगदान नय छय ... अपना आप के देश के चौथा स्तंभ मानऽ वला ई मीडिया ई सभा के प्रतिष्ठा तार तार करऽ में कोनों कसर नय छोड़ल कय ...
ई साल फेर ओतेय हर साल के जेना ईहों साल २६ जून सऽ १ जुलाई तक सौराठ गांव में ई सभा लागत ... मुदा सबसे बड़का बात अछि कि ई साल कतेक मिथिलावासी ई सभा में जेताह ...
जरूरत अछि एक बेर फेर से सब मिथिलावासी के एक होबऽ के ... आउर सभा गाछी फेर ओकर पुरान पहचान लौटाबऽ के ...
अहॉक दिलीप ...
No comments:
Post a Comment